भूल से भूल गए उसे भूलना
यादों ने याद दिला दिया।।
लफ्ज़ नई थे हमारे इश्क़ के
ख़ामोशी से दीदार करा दिया।।
कुछ कहना था बाकी उनसे
हमने कमबख्त वक़्त गवा दिया।।
हमे मोहबत मिले ना मिले
उने हमने इबादत बना दिया।।
– वर्ड विजार्ड (रिषभ)
भूल से भूल गए उसे भूलना
यादों ने याद दिला दिया।।
लफ्ज़ नई थे हमारे इश्क़ के
ख़ामोशी से दीदार करा दिया।।
कुछ कहना था बाकी उनसे
हमने कमबख्त वक़्त गवा दिया।।
हमे मोहबत मिले ना मिले
उने हमने इबादत बना दिया।।
– वर्ड विजार्ड (रिषभ)